Posted by Chief Editor Manish Saklani on 2024-04-07 05:12:31 |
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फोन का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करते वकà¥à¤¤ बैटरी पर अतिरिकà¥à¤¤ दबाव आता है, जिससे बैटरी की कैपेसिटी à¤à¥€ काफी कम होती है. फोन गरम हो जाता है, जिससे चारà¥à¤œà¤¿à¤‚ग में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ वकà¥à¤¤ लग सकता है और बैटरी को काफी नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ हो सकता है.
रात à¤à¤° चारà¥à¤œ करने से बैटरी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ चारà¥à¤œ होती है, जिससे बैटरी की कैपेसिटी काफी कम होती है. फोन गरम हो सकता है, जिससे फ़ोन आग लगने का खतरा काफी बढ़ जाता है.
नॉन-ऑरà¥à¤¥à¥‹à¤°à¤¾à¤‡à¤œà¥à¤¡ चारà¥à¤œà¤° में सिकà¥à¤¯à¥‹à¤°à¤¿à¤Ÿà¥€ सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚डरà¥à¤¡à¥à¤¸ नहीं आते हैं, जिससे फोन में खराब हो सकता है. बैटरी à¤à¥€ काफी गरम होती है, जिससे आग लगने का खतरा बढ़ता है.
अधिकतर लोग फोन को सही रखने के लिठमोटे-मोटे केस लगाते हैं. इससे के अंदर की गरà¥à¤® हवा बाहर नहीं निकलती है.
बैटरी को पूरी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से खतà¥à¤® होने देना बैटरी की हेलà¥à¤¥ के लिठहानिकारक होता है. बैटरी को 20% – 80% चारà¥à¤œ रखना सही होता है.