Posted by Dev on 2023-10-17 13:34:23 |
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सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने समलैंगिक विवाह पर आज मंगलवार (17 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर 2023) को अपना-अपना फैसला पढ़ा है। सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ ने साथ रहने वाले LGBTQ जोड़ों को परिवार के रूप में राशन कारà¥à¤¡ देने सहित तमाम सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं पर विचार करने के लिठà¤à¤• कमिटी गठित करने के लिठकहा है। CJI ने LGBTQ के अधिकारों की वकालत की। वहीं, बेंच के सदसà¥à¤¯ रवींदà¥à¤° à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ ने असहमति जाहिर की। हालाà¤à¤•à¤¿, कोरà¥à¤Ÿ के 3-5 सदसà¥à¤¯ ने इस समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को शादी की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ देने से इनकार दिया। वहीं, इस समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोग बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को गोद à¤à¥€ नहीं ले सकेंगे। CJI ने कहा कि कोरà¥à¤Ÿ सà¥à¤ªà¥‡à¤¶à¤² मैरिज à¤à¤•à¥à¤Ÿ के पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को रदà¥à¤¦ नहीं कर सकती। यह संसद का काम है। समलैंगिक समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ की शादी की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ देने का काम संसद पर छोड़ दिया। हालाà¤à¤•à¤¿ à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ रोकने के लिठसमलैंगिक समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोगों के लिठकोरà¥à¤Ÿ ने पà¥à¤²à¤¿à¤¸ को कà¥à¤› दिशा-निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ à¤à¥€ दिà¤à¥¤ इसके साथ ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ लाठदेने के लिठà¤à¤• समिति गठित करने के लिठà¤à¥€ कहा। बेंच के जजों ने बंटा हà¥à¤† फैसला दिया। समलैंगिक जोड़े दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बचà¥à¤šà¥‡ को गोद का अधिकार CJI ने दिया, लेकिन अधिकांश जज ने इससे असहमति जाहिर की। पाà¤à¤š जजों की बेंच में जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ हिमा कोहली और जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ नरसिमà¥à¤¹à¤¾ ने जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ रवींदà¥à¤° à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ के फैसले से सहमति जताई है। अपने फैसले में हिमा कोहली ने सिरà¥à¤« जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ से सहमति जाहिर की। जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ ने à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ ने शादी को मौलिक अधिकार नहीं माना। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि अगर साथ रहना चाहता है तो रह सकता है। फैसला पढ़ने के दौरान मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ ने कहा, “विवाह करने के अधिकार को यौन रà¥à¤à¤¾à¤¨ के आधार पर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚धित नहीं किया जा सकता। उनके इस तरह के अधिकारों की सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ विफलता à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ की तरह है।†उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, “Queer वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ सहित सà¤à¥€ को अपने जीवन की नैतिक गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ का आकलन करने का अधिकार है। सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ का अरà¥à¤¥ है वह बनने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾, जो कोई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ बनना चाहता है।†LGBTQ के पकà¥à¤· में तरà¥à¤• देते हà¥à¤ CJI चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ ने आगे कहा, “अदालत ने माना है कि समलैंगिक वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ नहीं किया जा सकता है। विषमलैंगिक जोड़ों को मिलने वाले à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• लाठऔर सेवाà¤à¤ से समलैंगिक जोड़ों को वंचित करना उनके मौलिक अधिकार का उलà¥à¤²à¤‚घन होगा। कानून यह नहीं मान सकता कि केवल विषमलैंगिक जोड़े ही अचà¥à¤›à¥‡ माता-पिता हो सकते हैं। इसलिठगोद लेने के नियम समलैंगिक जोड़ों के खिलाफ à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ के लिठसंविधान का उलà¥à¤²à¤‚घन हैं।†दरअसल, समलैंगिक विवाह का विरोध करते हà¥à¤ केंदà¥à¤° सरकार ने तरà¥à¤• दिया था कि यह शहरी अà¤à¤¿à¤œà¤¾à¤¤à¥à¤¯ वरà¥à¤— का चोंचला है। इस देखते हà¥à¤ जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ ने कहा कि यह सिरà¥à¤« शहरी अà¤à¤¿à¤œà¤¾à¤¤ वरà¥à¤— का मसला नहीं है। यह गाà¤à¤µ के खेतों में काम करने वाली à¤à¤• महिला से à¤à¥€ संबंधित है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि शहरों में रहने वाले सà¤à¥€ लोगों को à¤à¤²à¤¿à¤Ÿ नहीं कहा जाता है। इस दौरान सीजेआई ने सà¥à¤ªà¥‡à¤¶à¤² मैरिज à¤à¤•à¥à¤Ÿ का à¤à¥€ जिकà¥à¤° किया। इसी à¤à¤•à¥à¤Ÿ में संशोधन को LGBTQ की शादी को मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ देने की बात कही गई थी। इसको लेकर CJI ने कहा, “यह संसद को तय करना है कि विशेष विवाह अधिनियम की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में बदलाव की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है या नहीं। विवाह के अधिकार में अपना साथी चà¥à¤¨à¤¨à¥‡ का à¤à¥€ अधिकार है।†LGBTQ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को राहत देते हà¥à¤ मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ ने कहा, “केवल यौन पहचान के बारे में पूछताछ करने के लिठसमलैंगिक समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोगों को पà¥à¤²à¤¿à¤¸ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ में बà¥à¤²à¤¾à¤•à¤° कोई उतà¥à¤ªà¥€à¤¡à¤¼à¤¨ नहीं किया जाà¤à¤—ा।†उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, “पà¥à¤²à¤¿à¤¸ को समलैंगिक वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अपने मूल परिवार में लौटने के लिठमजबूर नहीं करना चाहिà¤à¥¤ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ को à¤à¤• समलैंगिक जोड़े के खिलाफ उनके रिशà¥à¤¤à¥‡ को लेकर à¤à¤«à¤†à¤ˆà¤†à¤° दरà¥à¤œ करने से पहले पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚à¤à¤¿à¤• जाà¤à¤š करनी चाहिà¤à¥¤â€ CJI ने आगे कहा, “विषमलैंगिक संबंधों में टà¥à¤°à¤¾à¤‚सजेंडर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को परà¥à¤¸à¤¨à¤² लॉ सहित मौजूदा कानूनों के तहत शादी करने का अधिकार है। समलैंगिक जोड़े सहित अविवाहित जोड़े संयà¥à¤•à¥à¤¤ रूप से à¤à¤• बचà¥à¤šà¥‡ को गोद ले सकते हैं।†इनके अधिकारों के बारे में बात करते हà¥à¤ सीजेआई ने कमिटी की à¤à¥€ बात कही। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, “हम सॉलिसिटर जनरल के बयान को रिकॉरà¥à¤¡ करते हैं कि केंदà¥à¤° सरकार साथ रहने वाले समलैंगिकों के अधिकारों और हकदारियों को तय करने के लिठà¤à¤• समिति का गठन करेगी। समिति निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पर विचार करेगी – राशन कारà¥à¤¡à¥‹à¤‚ में समलैंगिक जोड़ों को परिवार के रूप में शामिल करना, समलैंगिक जोड़ों को संयà¥à¤•à¥à¤¤ बैंक खाते के लिठनामांकन करने में सकà¥à¤·à¤® बनाना, पेंशन, गà¥à¤°à¥‡à¤šà¥à¤¯à¥à¤Ÿà¥€ आदि से मिलने वाले अधिकार।†सीजेआई की बात को आगे बढ़ाते हà¥à¤ जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ कौल ने कहा, “पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से ही समान-लिंग संबंधों को न केवल यौन गतिविधियों के लिठबलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• संतà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ के लिठसंबंधों के रूप में मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ दी गई है… मैंने कà¥à¤› सूफी परंपराओं का उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया है…।†उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शीरà¥à¤· नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ से à¤à¥€ अपनी सहमति जताई। वहीं, जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ ने CJI से अपनी असहमति जताई। जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ रविंदà¥à¤° à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ ने कहा, “अदालत मानती है कि शादी सामाजिक घटना है। à¤à¤• संसà¥à¤¥à¤¾ के रूप में विवाह राषà¥à¤Ÿà¥à¤° से पहले है। इसका मतलब यह है कि विवाह की संरचना सरकार से पहले है। विवाह की शरà¥à¤¤à¥‡à¤‚ सरकार की शरà¥à¤¤à¥‹à¤‚ से परे हैं।â€