Posted by Chief Editor Manish Saklani on 2024-01-01 05:59:08 |
Share: Facebook | Twitter | Whatsapp | Linkedin Visits: 56
आज कल जहां नठसाल की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ 1 जनवरी को होती है, वहीं, सदियों पहले नठसाल की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ 25 दिसंबर को होती थी। अलग-अलग देशों में नया सालअलग-अलग दिन पर मनाया जाता था। कई जगहों पर लोग 25 मारà¥à¤š को नठसाल का जशà¥à¤¨ मनाते थे, जबकि कई जगहों पर लोग 25 दिसंबर के दिन नया साल सेलिबà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ करते थे। हालांकि, बाद में 1 जनवरी को नया साल मनाया जाने लगा। 1 जनवरी को नया साल मनाने की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ रोम (Rome) से हà¥à¤ˆ, जहां राजा नूमा पोंपिलस ने रोमन कैलेंडर (Roman Calendar) में बदलाव किया। रोम के शासक जूलियस सीजर ने जाना कि धरती 365 दिन और छह घंटे में सूरà¥à¤¯ की परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ करती है। जिसके बाद 12 महीनों का साल हà¥à¤†, जिसमें 365 दिन निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किठगà¤à¥¤ कैलेंडर के आने के बाद से जनवरी की पहली तारीख से नया साल मनाया जाने लगा। जनवरी को पहले जानूस कहा जाता था। जानूस (Janus) रोम के देवता का नाम था, बाद में जानूस को जनवरी कहा जाने लगा।